Hampta Pass Trek:हामटा पास ट्रैक

Hampta Pass Trek:हामटा पास ट्रैक

Overview

हामटा पास ट्रैक की शुरुवात हिमाचल के खूबसूरत शहर मनाली से होती है जो एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है जहाँ हर साल देश-विदेश से हजारो-लाखो पर्यटक इस खूबसूरत शहर की संस्कृति और सभ्यता को देखने के लिए आते है
ये पूरा शहर देवदार के वृक्षों से ढका हुआ है जो इस शहर की सुंदरता पर चार चाँद लगा देता है वही सीजन में यहाँ जम के बर्फ़बारी होती है जो पर्यटको को और भी रोमांचित कर देती है हामटा पास दर्रा लाहौल की चंद्र घाटी और कुल्लू घाटी के बीच में स्थित है यहाँ से हामटा पास ट्रैक में आने व जाने में तक़रीबन 3 से 4 दिन तक का समय लग जाता है इस ट्रैक का नाम इस ट्रैक के बीच पड़ने वाले एक छोटे से गांव हामटा के नाम पर रखा गया है हामटा पास का इस्तेमाल ज्यादातर हिमालयी क्षेत्र के रहने वाले चरवाहे लोग किया करते है गर्मियों के समय पर जब लाहौल व उसके आस पास की जमीने बंजर हो जाती है तब चरवाहे लोग यहाँ पर मौजूद घास के मैदानों में अपने बकरियों को इन घास के मैदान में चराने के लिए ले जाते है यह ट्रैक हिमालय के अन्य ट्रैक्स के मुकाबले में ज्यादा कठिन नहीं है इस कारण ट्रैक पर कोई भी आसानी से आ जा सकता है बस ट्रैक पर जाने के लिए आपको मानसिक व शारारिक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता होती है यह ट्रैक मनाली से शुरू होकर चन्द्रताल के पास चतरू में जाकर समाप्त होता हैआपको हामटा दर्रे के साथ साथ होकर जाना होता है जहाँ बीच में आपको हर पल बदलते हुए मनोहारी मौसम व हरी-भरी प्राकर्तिक छटा के दर्शन होते है जो पर्यटको को एक अलग ही दुनिया में ले जाते है साहसिक खेलो को पसन्द करने वालो के लिए भी ये ट्रैक किसी अचरज से कम नहीं है यहाँ हर पल चलती बर्फीली हवाएँ, चारो और खड़े देवदार के पेड़ो के बीच सफ़ेद बादलो की धुंध को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे आप स्वर्ग की तरफ जाने वाले रास्ते पर जा रहे हो ये सब देखकर आपको विश्वास भी नहीं होगा की आप किसी ट्रैक पर यात्रा हेतु जा रहे है ये अनुभूति आपके जीवन में कभी न भूलने वाला अनुभव होगा  इस ट्रैक पर आपको अन्य ट्रैक्स की तरह बीच में कही पर भी खाने-पीनेटी- हॉउस और मोबाइल कनेक्शन जैसे जरूरत की चीजे नहीं मिल पाती है मोबाइल का नेटवर्क भी आपको परिनी(Prini) तक ही उपलब्ध हो सकता है उसके बाद आप पूरी तरह से प्रकर्ति के साथ व प्रकर्ति की गोद में होते है परन्तु यहाँ जाने का रास्ता अच्छा है जिस कारण आप आसानी से ट्रैक को पूरा कर सकते है यह पूरा ट्रैक लगभग 26 किमी का है जिस पर आने व जाने में लगभग से दिन तक का समय लग जाता है यात्रा कार्यक्रम(Itinerary) हामटा पास ट्रैक की शुरुवात मनाली से होती है सबसे पहले आपको मनाली से जोबरा तक जाना होता है जो सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है यहाँ तक आप अपने प्राइवेट वाहन द्धारा आसानी से पहुंच सकते है जोबरा की दूरी मनाली से लगभग 16 किमी है तथा यहाँ तक पहुंचने में आपको तकरीबन 1 घंटे का समय लग जाता है जोब्रा ही इस पूरे ट्रैक का बेस कैंप भी है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 9,800 फ़ीट है पहला दिन: इसके बाद आपको जोब्रा से चिका(Chika) तक पैदल ट्रैक करते हुए जाना होता है जो समुद्र तल से लगभग 10,400 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है जोबरा से चीका तक पहुँचने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है। इस ट्रैक के रास्ते पर आपको पालम तथा ओक के वृक्षों के साथ साथ लकड़ी के पुल दिखाई पड़ते है जो आपके पहले दिन की यात्रा में चार चाँद लगा देते है यहाँ पर ट्रैकर्स के रहने के लिए कुछ लॉज बने हुए है जहाँ पर रूककर रात्रि विश्राम व भोजन आदि किया जा सकता है तथा अगले दिन से अपने ट्रैक की शुरूवात कर सकते है दूसरा दिन:  दूसरे दिन की शुरुवात आपको चीका(Chika) से करनी होती है जो बालू के घेरा(Balu Ke Ghera) पर जाकर खत्म होती है जो पहले दिन की अपेक्षा अधिक कठिन व और ज्यादा रोमांचकारी होता है इस ट्रैक पर जाने के लिए आपको चन्द्रा नदी(Chandra River) के साथ साथ जाना होता है जिसके बीच में आपको छोटे-छोटे घास के मैदानझरने व खूबसूरत धौलाधार के बर्फ से ढके पर्वतो को देखने का मौका मिलता है बालू का घेरा(Balu Ka Ghera) की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 11,000 फ़ीट है जो पहाड़ो के बीच में स्थित एक सुन्दर घास का मैदान है यही पर आप टेंट आदि लगाकर रात्रि विश्राम व स्वयं के लिए भोजन आदि की व्यवस्था कर सकते है तीसरा दिन:  आपके तीसरे दिन की शुरुवात बालू के घेरे(Balu Ka Ghera) से शुरू होती है तथा हामटा पास(Hamta Pass) पर जाकर ख़त्म होती है तीसरे दिन का ट्रैक पहले व दूसरे दिन की अपेक्षा ज्यादा चुनौतियों से भरा हुआ होता है तथा ज्यादा लम्बा भी होता है ये ट्रैक लगभग 13 किमी लम्बा होता है जिस पर जाने में कम से कम 8 से 10 घंटे का समय लग जाता है ट्रैक द्धारा आप ऊपरी बालू के गेरा(Balu Ke Gera) तक पहुंच सकते है यहाँ से आप बर्फ से ढके पहाड़ो के साथ देव टिब्बाइन्द्रसेन पीकइन्दर्कीला इंदरकिला की खूबसूरत पहाड़ियों व आसपास की सुन्दरता को काफी करीब से देख सकते हैA हामटा पास की ऊंचाई लगभग 14,100 फ़ीट है हामटा पास दर्रा से लगभग से घंटे की चढाई कर ऊपर पहुंचने पर आप सीमा गुरु तक पहुंच जायेंगे यहाँ पहुँचकर आपको अद्भुत शांति की प्राप्ति होती है आप अगर चाहे तो उसी दिन वापस बालू के घेरे पर आ सकते अन्यथा आप हामटा पास में ही टेंट वगैरह लगाकर विश्राम कर सकते है तथा अगले वापस आने की योजना बना सकते है चौथा दिन:  अगले दिन प्रातः आप सिआ गुरु से मौसम के साफ़ होने पर चंद्र ताल होते हुए छतरु तक पहुंच सकते है इस दिन का ट्रैक अन्य दिन के मुकाबले आसान होता है वही आपको प्रकर्ति की सुंदरता को देखने का भी मौका मिलता है अंतिम दिन का ट्रैक लगभग घंटे का होता है वही यही पर आपके ट्रैक का भी अंत होता है यहाँ से आप वाहन द्धारा रोहतांग पास होते हुए मनाली तक पहुंच सकते है            

Map

Info

हामटा पास दर्रा हिमाचल के हिमालयी क्षेत्र में पड़ता है जो हिमालय के पीर पंजाल के हिमालयी क्षेत्र के अंतर्गत आता है। हामटा पास समुद्र तल से लगभग 14,100 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है जिसके चारो और बर्फ से ढके हुए विशाल पर्वत है। इस पूरे ट्रैक पर आपको देवदार के सुन्दर वृक्षों के अलावा झरने, बर्फ से जमे लटकते हुए ग्लेशियर, झीले, पिनवुड, छोटे -छोटे कोमल घास के मैदान दिखाई दे जायेंगे जो इस पूरे ट्रैक को और भी रोमांचित और खूबसूरत बना देते है।

Previous kasol valley;कसोल वैली

Tour details

  • Tour Type Impression
  • Price On Call
  • Categories Destination
  • Capital Bridgetown
  • Language English/Hindi
  • Currency INR
  • Time Zone IST
  • Drives on the Left
  • Calling code +91